बिना माँग पुरी हुए पीछे हटने को तैयार नही किसान, केन्द्र सरकार के साथ तीसरे चरण की बातचीत भी फेल।
फाईल फोटो
किसान आंदोलन अब पहले की अपेक्षा बढ़ती जा रही है और इससे केन्द्र सरकार के रातों की नीन्द हराम हो गई है, पंजाब और हरियाणा के किसानों के अलावा अब इस आन्दोलन को देश के कोने कोने से समर्थन मिलने लगा है, किसानों के अलावा छात्रों ने भी इस आंदोलन में किसानों का साथ दिया है और देश के अलग अलग हिस्सों से छात्र किसानों के समर्थन में दिल्ली पहुँच रहे हैं।
केन्द्र सरकार द्वारा पारित तीन कृृषि कानुनों के खिलाफ देश भर के किसानों में गुस्सा व्याप्त है और पंजाब और हरियाणा के किसानों के अलावा अब उतर प्रदेश के किसान संगठनों और हरियाणा की खाप पंचायतों ने भी किसान आंदोलन को अपना समर्थन देने की घोषणा कर दी है।
ज्ञात हो कि केन्द्र सरकार ने किसानों को बातचीत के लिए बुलाया था लेकिन किसानों ने अपनी माँग पुरी होने तक पीछे हटने से मना कर दिया और इस तरह तीसरे चरण की बातचीत फेल हो गई। इससे पहले केन्द्र सरकार ने किसानों के सामने सशर्त बातचीत का प्रस्ताव रखा था जिसे किसानों ने साफ तौर पर ठुकरा दिया और बिना शर्त बातचीत की बात कही, जिसके बाद केन्द्र सरकार को किसानों के सामने घुटने टेकते हुए बिना शर्त बातचीत के लिए मानना पड़ा लेकिन ये वार्ता भी फॉल हो गई। अब चौथे चरण की बातचीत 2 दिन बाद हो सकती है।
किसानों के साथ केन्द्र सरकार की बातचीत फेल।
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