#दरभंगा_केवटी_विधासभा_में_बाहरी_कोई_भी_उम्मीदवार_कबूल_नहींः #नजरे_आलम
(इफ़्तेख़ार आलम की रिपोर्ट)
दरभंगा- बिहार विधानसभा चुनाव नजदीक आते ही दरभंगा जिला का केवटी विधानसभा सुर्खियों में रहता है। इस बार भी चुनाव का समय आते ही दर्जनों उम्मीदवार अपनी दावेदारी पेश करते नजर आ रहे हैं।
नज़रे आलम ने आगे कहा कि केवटी विधानसभा क्षेत्र का दूर्भाग्य यह रहा है कि यहां हमेशा बाहरी लोग ही उम्मीदवार हुए जिसका परिणाम यह हुआ है के आज तक गांव की आबादी में कहीं भी हाई स्कूल या अस्पताल नजर नहीं आ रहा है, ना ही कहीं भी कोई डिग्री कालेज खोला गया। नेता बहुत से आए और जीत कर गए, सभों ने सिर्फ अपना फायदा देखा और अपने करीबी लोगों को ही फायदा पहुंचाया। वर्तमान विधायक ने अपने द्वारा किए गए फर्जी विकास का कार्ड जारी कर एक बार फिर केवटी की जनता को गुमराह करने की कोशिश की है लेकिन जनता इस बार पूरी तरह से जागरूक हो चुकी है वह वर्तमान विधायक के किसी भी झांसे में आने वाले नहीं हैं।
जब केवटी को विधायक की जरूरत थी उस समय वर्तमान विधायक पार्टी बदल कर एन० डी० ए० का दामन थाम रहे थे और जश्न मनाने में व्यस्त थे। केवटी की जनता ने सेक्यूलर पार्टी का उम्मीदवार समझकर बाहरी वर्तमान विधायक को जिताया लेकिन उसका कोई फायदा केवटी की जनता को नहीं मिल सका। बल्कि वर्तमान विधायक और उन्के पिता तथाकथित कद्दावर नेता एन० डी० ए० का दामन थाम चुके हैं और आर० एस ० एस० की गोद में जाकर बैठ गए हैं।
कुछ लोग बिहार विधानसभा चुनाव का समय करीब आते ही सेक्यूलर सीटों पर दंगा फसाद करा कर माहौल को खराब करने की नापाक साजिश रच रहे हैं जिसमें वह कभी सफल नहीं हो पायेंगे। केवटी में दो जगहों पर साम्प्रदायिक हिंसा की घटना घटी लेकिन जनता ने बहुत सूझ बूझ से दंगा की आग को आगे नहीं बढ़ने दिया। केवटी हमेशा से हिन्दू-मुस्लिम भाईचारे की मिसाल रहा है। हांलाकि यहां से भाजपा के लोग भी विधायक बनते रहे हैं फिर भी यहां की अमन पसंद जनता ने कभी अपने क्षेत्र में नफरत का जहर फैलने नहीं दिया।
यहाँ हमेशा भाईचारे का माहौल रहा है और रहेगा। उक्त बातें ऑल इंडिया मुस्लिम बेदारी कारवां के राष्ट्रीय अध्यक्ष नजरे आलम ने कही। श्री आलम ने कहा कि इन दिनों बहुत सारी सीटों पर दर्जनों उम्मीदवारों ने अपनी दोवदारी ठोंक रखी है जिसमें दरभंगा जिला का केवटी विधानसभा भी है। यहां के लोग हमेशा से बाहरी उम्मीदवार से परेशान रहे हैं, यही कारण है के इस बार यहां की जनता बाहरी उम्मीदवार से अपने क्षेत्र को आजाद कराना चाहती है।
लगातार स्थानीय लोगों की मांग है के केवटी से इसबार सेक्ूयलर पार्टीयां किसी स्थानीय लोगों को ही उम्मीदवार बनाए, बाहरी किसी को यहां की जनता कबूल नहीं करेगी। श्री आलम ने कहा कि इसलिए केवटी की जनता ने यह नारा ‘‘केवटी का एक ही नारा-विधायक हो बेटा हमारा’’ दिया है। इस लिए सेक्यूलर पार्टीयों और वरिष्ठ नेताओं को बहुत गंभीरता पूर्वक विचार करते हुए ही केवटी के लिए प्रत्याशी चुन्ना होगा ताकि केवटी को बाहरी नेताओं से आजाद कराया जाए और विकास के इस दौर में 15 साल पीछे चला गया केवटी विधानसभा को विकास के मुख्य धारा में लाया जा सके।
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