अमेरिका ने अपने सबसे बड़े जंगी जहाज़ का नाम हैदर अली Haider Ali के नाम पर रखा था, जिसे अमेरिका में Hyder Ally के नाम से जाना जाता है जिसका मतलब होता है "मित्र हैदर" , जानिए क्यों अमेरिकी इनसे प्रेरणा लेते थे?
हैदर अली का नाम तो सुना ही होगा ..? जी हाँ टीपु सुल्तान के वालिद साहब और मैसुर के सुल्तान हैदर अली, वह एक ऐसे मर्द ए मुजाहिद थे, जिन्होने अपनी पुरी ज़िन्दगी अँग्रेज़ों के सामने नही झुके और अँग्रेज़ों से आज़ादी की लड़ाई लड़ते रहें, जिनका लोहा अंग्रेज़ो ने माना और अंग्रेज़ उनसे कोई भी जंग जीत ना सके और हमेशा शिकस्त ही उनकी किस्मत बन गई।
पर क्या आपको मालुम है अमेरीका मे एक “हैदर अली” और भी थे, जिन्होने अंग्रेज़ो के ख़िलाफ़ जंग मे हिस्सा लिया था और ये कोई इन्सान नही था , ये अमेरिका के जहाज़ी बेड़ा का जंगी जहाज़ ‘हैदर अली’ था। 1770-80 के दशक में हैदर एली एक ऐसा नाम बन चुका था जो अँग्रेज़ों के पसीने छुड़ाने के लिए काफी था।
अब कोई सवाल कर दे की “हैदर एली” ही नाम कयों .??
क्योंकि हैदर अली एंटी ब्रिटिश आइकॉन थे मतलब anti imperialist आइकॉन और अमेरिका के जॉर्ज वाशिंगटन (पुर्व राष्ट्रपति) उनसे खासा प्रभावित थें। अमेरिका में icon के नाम पे warship रखने की शुरुआत से ही प्रथा रही है , शायद हैदर अली पहले विदेशी आइकॉन थे जिसके नाम पर किसी warship का नाम रखा गया था ।
बात उस जमाने की है जब अमेरिका में ब्रिटिश साम्राजय के खिलाफ आन्दोलन हो रहा था , मतलब अमेरिका की आज़ादी की लड़ाई लड़ी जा रही थी अमेरीका के नायक को एक हीरो की ज़रुरत थी जिससे अमरीका वासी प्रेरणा ले सके, उनमे से एक शख़्स या कहें हीरो थे हैदर अली। हैदर अली के नाम पर जिस जिस जंगी जहाज का नाम रखा गया उस जंगी जहाज़ ने जिस जिस जंग मे हिस्सा लिया उसमे से अधिकतर मे अंग्रेज़ों को शिकस्त का मज़ा चखना पड़ा।
दरअसल उस समय अमेरिका और फ्राँस मित्र देश थें और अमेरिका में ब्रिटिश सरकार थी, लेकिन अमेरिका पर फ्राँस का भी अच्छा प्रभाव था। 1756-63 के बीच फ्राँस और ब्रिटेन के बीच हुई लड़ाई में ब्रिटेन ने फ्राँस को हरा दिया और कनाडा एंव फ्राँस के मिसिसिपी नदी घाटी के विशाल क्षेत्र पर ब्रिटिश सरकार का कब्जा हो गया। इस कारण अमेरिका में फ्राँस का प्रभाव कम हो गया। तब फ्राँस ने एक गठबंधन बनाया जिसमें फ्राँस के साथ अमेरिका और हैदर अली की मैसुर सलतनत शामिल थी। हैदर अली द्वारा ब्रिटिश सरकार के खिलाफ लड़ाई से प्रभावित हो कर अमेरिका ने अपने सैनिकों का हौसला बढ़ाने और उन्हे एक आदर्श एक आइकॉन देने के लिए अपने जंगी जहाज का नाम हैदर एली रखा।
हैदर अली उस समय ऐसे इकलौते विदेशी शख़्स थे जिनके नाम पर अमेरिका ने एक warship जंगी जहाज़ का नाम रखा था , उनके बेटे शहीद टीपू सुल्तान को रॉकेट के जनक के रूप में मान्यता दिलवाने वाले अमेरिकी ही थी, जिसके बारे में भारत के पुर्व राष्ट्रपति डॉ० ए पी जे अबदुल कलाम ( Dr A. P. J. Abdul Kalam ) ने अपनी किताब “विंग्स ऑफ़ फायर” में भी लिखा है।
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