Breaking News: गोरखपुर के बी० आर० डी० अस्पताल के पुर्व डॉक्टर कफील खान को NSA के केस में ईलाहाबाद उच्य न्यायालय ने तुरंत रिहा करने का आदेश दिया है।
गौरतलब है कि उत्तर प्रदेश सरकार की तरफ से डॉ० कफील खान पर लगाए गए रासुका के केस की सुनवाई करते हुए ईलाहाबाद उच्य न्यायालय ने शुक्रवार को फैसला सुरक्षित रख लिया था और आज अपने फैसले में माऩ्नीय उच्य न्यायालय ने डॉ० कफील खान पर से रासुका हटाते हुए उन्हे जमानत दे दी और सरकार को आदेश दिया है कि डॉ० खान को तुरंत रिहा करे।
ईलाहाबाद उच्य न्यायालय ने अपने फैसले में कहा कि हमें ये कहते हुए कोई झिझक नही हो रही है कि डॉ० कफील खान पर लगाया गया राष्ट्रीय सुरक्षा कानुन और नाहि रासुका का बढ़ाया जाना कानुनी रुप से सही था। इसे सीधे शब्दों में समझें तो माऩ्नीय उच्य न्यायालय ने अपने फैसले में कहा कि डॉ० कफील खान पर लगाया गया रासुका और रासुका का बढ़ाया जाना गैरकानुनी था, जबकि उत्तर प्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार ये दावा करती आई थी कि डॉ० कफील खान को रिहा किया गया तो कानुन व्यवस्था को खतरा होगा।
देश रक्षक न्युज़ उत्तर प्रदेश सरकार से सवाल करती है कि जब सरकार खुद गैरकानुनी तरीके से कानुन का इस्तेमाल करती है तब कानुन व्यवस्था को कोई खतरा क्यों नही होता और एक निर्दोष व्यक़्ति के रिहा होने से कानुन व्यवस्था को खतरा कैसे हो जाएगा? निर्दोष डॉ० कफील खान को रासुका के तहत जेल में बंद किया जाना कितना दुर्भाग्यपुर्ण है इसकी ज़िम्मेदारी सरकार कैसे लेगी? क्या उत्तर प्रदेश सरकार डॉ० कफील खान से माफी माँगते हुए उन्हे उचित मुआवज़ा देगी?
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